वृंदावन संत प्रेमानंद महाराज के पैदल दर्शन बंद; सुबह 4 बजे जो पदयात्रा करते थे, वो अनिश्चित काल के लिए स्थगित, बताई जा रही यह वजह

Premanand Ji Maharaj Paidal Yatra Darshan Closed Due To Health
Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के विश्वविख्यात संत प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन को लेकर अहम सूचना जारी की गई है। जिसमें यह बताया गया है कि अब लोग प्रेमानंद महाराज के पैदल दर्शन नहीं कर सकेंगे। दरअसल, प्रेमानंद महाराज की रोजाना सुबह 4 बजे होने वाली पैदल यात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। इस कारण से अब श्रद्धालु लोगों को प्रेमानंद महाराज के पैदल दर्शन फिलहाल नहीं होंगे। ये फैसला उनके स्वास्थ्य की परेशानी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रेमानंद महाराज किडनी फेलियर हैं।
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बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल 'भजन मार्ग' पर श्री हित राधा केलि कुंज परिकर की तरफ से आधिकारिक तौर पर सूचना जारी करते हुए कहा गया है, ''आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य को देखते हुए, पूज्य महाराज जी जो पद यात्रा करते हुए सुबह 4 बजे श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, वो यात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। इसलिए सभी लोगों से अनुरोध है कि कोई भी महाराज जी के दर्शन के लिए रास्ते में खड़ा न हो''
यात्रा बंद होने से मायूस हुए लोग
बता दें कि, प्रेमानंद जी महाराज की इस पद यात्रा से लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ीं थीं। वो इस यात्रा में प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए व्याकुल रहते थे और ये यात्रा ऐसी थी कि जिससे सभी को आराम से प्रेमानंद महाराज के दर्शन हो जाते थे। प्रेमानंद महाराज हर सुबह 4 बजे श्री कृष्ण शरणम् कॉलोनी से राधा केली कुंज तक जाते थे और इस यात्रा में हजारों भक्त दर्शन के लिए इंतजार में रास्ते में खड़े रहते थे। प्रेमानंद महाराज के लिए लोगों की भारी भीड़ देखते ही बनती थी।
दरअसल प्रेमानंद महाराज वृन्दावन में जब परिकर्मा मार्ग पर पैदल निकलते थे तो इस पदयात्रा में उनके दर्शन को लालायित श्रद्धालु सड़क के दोनों छोरों पर बड़ी संख्या में खड़े रहते थे। लगभग दो-तीन किलोमीटर की लंबी लाइन लगी होती थी। इस दौरान महाराज जी के दर्शन सबको हो पाते हैं। इस दौरान प्रेमानंद जी महाराज रुक-रुककर कुछ श्रद्धालुओं से बात भी कर लेते थे। इससे पहले तो प्रेमानंद महाराज स्वास्थ्य समस्या के बावजूद रोज रात्रि 2 बजे परिकर्मा मार्ग पर पैदल निकला करते थे। लेकिन बाद में ये समय 4 बजे कर दिया गया था।
बता दें कि पैदल यात्रा के अलावा श्री हित राधा केलि कुंज में राधा कीर्तन, सत्संग और वार्तालाप में शामिल होकर प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन किए जा सकते हैं। लेकिन वहां दर्शन के लिए सबका नंबर नहीं आ पाता। इसीलिए प्रेमानंद महाराज रोज पैदल आते थे जिससे सार्वजनिक रूप से बड़ी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकें। लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक न रहने के चलते अब उनकी धीरे-धीरे बंद होती ही दिख रही है। अभी यह नहीं पता है कि श्रद्धालुओं के लिए प्रेमानंद महाराज की यात्रा अब आगे शुरू होगी भी या नहीं।
प्रेमानंद जी महाराज की दोनो किडनी खराब
राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद जी महाराज के बारे में लोग ताज्जुब खाते हैं। बीते 17-18 सालों से महाराज जी की दोनो किडनी खराब हैं। लेकिन फिर भी महाराज जी के जीवंत और अद्भुत स्वरूप को देखा जा सकता है। दोनो किडनी खराब होने के बाद भी उनके चेहरे का तेज देखते ही बनता है। आज घर-घर प्रेमानंद जी महाराज को सुना जा रहा है और उनके बारे में चर्चा की जा रही है। लोग यह कहने पर मजबूत हैं कि आज के समय में अगर कोई असली संत है तो वह प्रेमानंद जी महाराज हैं।
प्रेमानंद महाराज सीधी और स्पष्ट बात बोलते हैं। चाहें भले ही वह लोगों को कड़वी लगे। महाराज जी के प्रवचनों ने आज पूरे देश और दुनिया में एक नई लहर सी ला दी है। क्या युवा और क्या बड़े सब प्रेमानंद जी महाराज को सुनना चाह रहे हैं, उनके दर्शन करना चाह रहे हैं। प्रेमानंद जी महाराज के मुखमंडल से निकला एक-एक शब्द लोगों को आकर्षित कर रहा है और उनमें अच्छे बदलाव की भावना को जाग्रत कर रहा है।
प्रेमानंद महाराज का पूरा नाम क्या?
प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) का पूरा नाम प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज है। उनका जन्म कानपुर के एक गांव में हुआ था। प्रेमानंद महाराज 13 साल की उम्र में ही रात 3 बजे घर से संन्यास के रास्ते में चलने के लिए भाग आए थे। उस समय वह कक्षा 9 में पढ़ते थे। इसके बाद वह कभी घर नहीं लौटें और अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित कर दिया। उन्होंने शुरुवात में संन्यास के कई साल भगवान शिव में लीन होकर काशी में बिताए। इसके बाद वह वृंदावन आ गए और राधारानी के परम भक्त हो गए।